रुपये पर गिनती, किसी का नाम या अन्य आंकड़ा लिखने की आदत हो तो तत्काल छोड़ दीजिए। भारतीय रिजर्व बैंक के नए मानकों के अनुसार अगले वर्ष एक जनवरी से नोट पर कुछ भी लिखा तो इसे रद्दी माना जाएगा। ये नोट न तो बाजार में चलेगा और न ही इसे बैंक स्वीकार करेगा।
2014 की शुरुआत से आरबीआइ क्लीन नोट पॉलिसी को अनिवार्य करने जा रहा है। भारतीय स्टेट बैंक के एक वरीय अधिकारी ने बताया कि फंड सेटलमेंट लिंक ऑफिस से उन्हें निर्देश मिले हैं कि सभी शाखाओं को आरबीआइ की इस पॉलिसी के बारे में बता दिया जाए। उनके पास आने वाले कैश में से ऐसे नोटों को अलग कर लिया जाए, जिन पर कुछ लिखा हो या पिन लगी हो। ऐसे नोट दोबारा जारी नहीं किए जाएंगे। ग्राहकों को नए और साफ-सुथरे नोट ही मिलेंगे। इससे पहले आरबीआइ ने भारतीय करेंसी को साफ-सुथरा बनाए रखने के लिए सात नवंबर 2001 को क्लीन नोट पॉलिसी लागू की थी। लेकिन इसका कड़ाई से पालन होने पर लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि बाजार में लिखे हुए नोटों की संख्या बहुत ज्यादा है।
वहीं भारतीय स्टेट बैंक की नवगछिया शाखा के प्रबन्धक मनोज कुमार ने बताया कि अब तक हमारी शाखा को ऐसा कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है। निर्देश मिलने पर निर्देश के अनुसार उसका पालन अवश्य किया जाएगा।