नव-बिहार न्यूज नेटवर्क (NNN), नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को मुस्लिम समाज से कहा कि वह तीन तलाक के मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं होने दें। पीएम मोदी ने साथ ही कहा कि समुदाय के किसी अगुवा संगठन को इस दिशा में सुधार के लिए नेतृत्व की भूमिका निभानी चाहिए। मोदी ने प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद के नेताओं से बातचीत करते समय यह टिप्पणी की। संगठन के नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी।
PMO ने एक बयान में कहा कि प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा है कि लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत सद्भावना और मेलजोल में है। विज्ञप्ति के अनुसार प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार को नागरिकों में भेदभाव का कोई अधिकार नहीं है और भारत की विशेषता विविधता में एकता की है। तीन तलाक के मुद्दे पर मोदी ने अपनी यही बात दोहराई कि मुस्लिम समुदाय को इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं होने देना चाहिए।
PMO के अनुसार, उन्होंने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से इस दिशा में सुधार शुरू करने की जिम्मेदारी लेने को कहा। बयान के मुताबिक प्रतिनिधिमंडल ने तीन तलाक के मुद्दे पर प्रधानमंत्री के रुख की सराहना की। प्रधानमंत्री मोदी का बयान CPM नेता सीताराम येचुरी के इस बयान की पृष्ठभूमि में आया है कि तीन तलाक के खिलाफ प्रधानमंत्री का अभियान एक सांप्रदायिक मुहिम है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारत में नई पीढ़ी को उग्रवाद की वैश्विक बयार का शिकार नहीं होने देना चाहिए।
PMO के बयान के अनुसार, मोदी की सोच की तारीफ करते हुए प्रतिनिधिमंडल ने उम्मीद जताई कि जनता में उनके प्रति जो ‘राष्ट्रव्यापी विश्वास’ है वह समाज के सभी तबकों की समृद्धि और कुशलता सुनिश्चित करेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री की आकांक्षा का जिक्र करते हुए कहा कि मुस्लिम समुदाय ‘न्यू इंडिया’ के निर्माण में बराबर का साझेदार बनना चाहता है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद एक बड़ी चुनौती है और इसके लिए उन्होंने अपनी पूरी ताकत से लड़ने का संकल्प व्यक्त किया। बयान के अनुसार मुस्लिम संगठन के नुमाइंदों ने कहा कि यह हमारे समुदाय की जिम्मेदारी है कि किसी भी हालात में किसी को देश की सुरक्षा से समझौता नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय भारत की कामयाबी के खिलाफ कोई साजिश नहीं होने देगा। कश्मीर घाटी में हालात पर चिंता जताते हुए प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कहा कि इस मुद्दे का समाधान केवल प्रधानमंत्री कर सकते हैं।
प्रतिनिधिमंडल ने केंद्र सरकार के तहत अल्पसंख्यक कल्याण योजनाओं के क्रियान्वयन की भी तारीफ की। प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने कहा कि पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है और भारतीय समाज के सभी वर्गों की जिम्मेदारी है कि राष्ट्र को आगे ले जाएं। PMO के मुताबिक प्रतिनिधिमंडल के नेताओं ने उनके साथ सहमति जताते हुए कहा कि प्रधानमन्त्री के ‘सबका साथ, सबका विकास’ के नारे के साथ देश को मिलकर आगे ले जाने का उद्देश्य होना चाहिए। प्रतिनिधिमंडल में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना कारी सैयद मोहम्मद उस्मान मंसूरपुरी, महासचिव मौलाना महमूद ए मदनी, अंजुमन-ए-इस्लाम, मुंबई के अध्यक्ष जाहिर आई काजी, अख्तरुल वासी और मौलाना बदरद्दीन अजमल शामिल थे।
1 टिप्पणी:
PM SAB YE BAT AAP JARA YPGI SAB KO BATA DE KI 3 TALAK PAR DUBARA KOI JUMLA NA CHHERE OR 3 TALAK KA MUDDA V TO AAP KE HI CM YOGI G NE UTHAYA THA KIYA KOI MUSHLIM KAHNE GAYA THA KI AAP 3 TALAK HATA DO
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