नव-बिहार न्यूज नेटवर्क (NNN) : भागलपुर के सृजन महाघोटाला मामले में रोज-रोज नया खुलासा होते जा रहा है. जांच में नये-नये मामले सामने आ रहे हैं. अब भागलपुर के तत्कालीन डीएम केपी रमैया की भूमिका को लेकर सवाल उठने लगे हैं. वहीं सृजन मामले को लेकर बैंक से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है कि अगला निशाना कौन?
बताया जाता है कि डीएम केपी रमैया ने अपने कार्यकाल में सृजन में खाता खोलने के सरकारी निर्देश दिये थे. इसी पत्र के आलोक में सृजन के खाते में पैसे भी जमा होने लगे थे. जांच में पता चला है कि तत्कालीन डीएम रमैया ने यह पत्र 20 दिसंबर 2003 को लिखा था. सूत्रों की मानें तो इस पत्र के बाद सृजन घोटाले में रमैया की भूमिका पूरी तरह संदेह के घेरे में आ गयी है. उनके कार्यों पर सवाल उठने लगे हैं. इस पत्र के सामने आने के बाद जांच एजेंसी के भी कान खड़े हो गये.
सूत्रों के अनुसार उस समय रमैया ने जिले के सभी बीडीओ, ग्रामीण विकास, पंचायत समिति सदस्य और सरकारी गैर-सरकारी संस्थानों को पत्र लिख कर इसकी जानकारी दी थी. पत्र में उन्होंने लिखा था कि अपने निरीक्षण के दौरान पाया कि सृजन महिला विकास सहयोग समिति लिमिटेड बैंक शाखा के जिला केंद्रीय सहकारिता बैंक भागलपुर से संबद्ध है. यह पूर्व के डीएम और डीडीसी से भी एप्रुव्ड किया हुआ है. ऐसे में समिति के बैंक में सभी तरह के एकाउंट खोलकर समिति को प्रोत्साहित किया जा सकता है. इसके बाद से ही कई बीडीओ ने सृजन के खाते में सरकारी पैसे जमा करवाए. हालांकि 2008 के बाद आरबीआई के निर्देश पर प्रखंड के एकाउंट बंद कर दिये गये.
बहरहाल, तत्कालीन डीएम रमैया के जांच के घेरे में आने के बाद भागलपुर ही नहीं, बल्कि अन्य जिलों में भी अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है. खासकर भागलपुर में रमैया के बाद से अब तक के डीएम की भूमिका की जांच एसआइटी के लिए भी चुनौती बन गयी है. बता दें कि वर्तमान डीएम के पीए प्रेम कुमार को पहले ही दिन पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था तथा फिलहाल वे अभी जेल में बंद हैं. वहीं किंगपिन दिवंगत मनोरमा देवी के बेटे व बहू की तलाश में पुलिस के साथ ही एसआइटी की टीम लगी हुई है.
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