नव-बिहार न्यूज नेटवर्क (NNN), भागलपुर : बिहार की राजनीति में नया भूचाल ला देने वाले सृजन महाघोटाले के एक प्रमुख आरोपी नाजिर महेश मंडल की रविवार को देर रात मौत हो गई है. महेश मंडल कैंसर पीड़ित और किडनी का मरीज बताया जाता है. उसे पहले ही तबियत खराब होने की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया था. बीते दो दिनों से उसकी तबियत ज्यादा खराब बताई जा रही थी. भागलपुर के एसएसपी मनोज कुमार ने मौत की पुष्टि कर दी है.
बताते चलें कि महेश मंडल भागलपुर जिला कल्याण पदाधिकारी के दफ्तर में नाजिर के पद पर पोस्टेड था. इस मामले में कल्याण पदाधिकारी अरुण कुमार को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है. महेश मंडल को भी बीते 13 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद से ही उसे किडनी के डायलिसिस के लिए अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा था.
मिल रही जानकारी के अनुसार रविवार की देर रात अस्पताल में उसकी मौत के बाद हड़कंप मच गया. महेश मंडल की मौत की खबर मिलते ही अस्पताल में मौजूद लोग सन्न रह गए और अफरातफरी का माहौल कायम हो गया. उसकी सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों ने तुरंत पुलिस के आलाधिकारियों को घटना की सूचना दी .
गौरतलब है कि सृजन घोटाले की जांच के लिए बनाई गयी टीम को महेश मंडल की अकूत संपत्ति का पता चला था. बताया जा रहा था कि आधा बीघा जमीन पर 26 कमरे की हवेली बनी हुई है. 18 बीघा जमीन पिस्ता में है. कटिहार में भी जमीन है. शाहकुंड में 45 बीघा जमीन की खरीदी की है. 3-4 महंगे चार पहिया वाहन हैं. 10-12 महंगी महंगी बाइकें हैं. 16 चक्का वाले ट्रक भी एक दो नहीं, बल्कि 10 की संख्या में है. खास बात कि 5 ट्रक तो उसने 8 साल पहले ही खरीद ली थी. इतना ही नहीं, पूर्णिया बैंक में 96 लाख का भी पता चला है.
यह भी पता चला कि महेश का पुत्र शिव कुमार मंडल जिला परिषद का सदस्य है और साथ ही जदयू युवा मोर्चा का जिला अध्यक्ष भी है. ऐसे में पुलिस नाजिर के जिला परिषद बेटे की भी कुंडली खंगाल रही थी. पुलिस को शक था कि नाजिर ने सृजन संस्था को मदद पहुंचाने के एवज में आय से अधिक संपत्ति जुटायी है. छापेमारी में नाजिर के घर से बैंक अकाउंट, जमीन, खेत आदि के कागजात मिले थे.
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