नवगछिया/भागलपुर: यदि यही रवैया रहा तो कैसे सुधरेगी शिक्षा व्यवस्था. मामला तिलकामांझी भागलपुर विवि से जुड़ा है. जहां फेल छात्राओं को पास करवाने हेतु कुलपति के PA के फोन आने की बात सामने आ रही है. बिहार में प्रसिद्ध महिला महाविद्यालय के प्राचार्या ने विश्वविद्यालय के कर्मी पर बेहद ही गंभीर आरोप लगाया है. जी हां, सुंदरवती महिला महाविद्यालय (एसएम कॉलेज भागलपुर) लड़कियों का एक प्रसिद्ध महाविद्यालय है. इस कॉलेज की प्राचार्या अर्चना ठाकुर हैं.
प्राचार्या अर्चना ठाकुर ने प्रेस वार्ता करते हुए जानकारी दी कि कुलपति (तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय) के पीए और रजिस्ट्रार के द्वारा फोन करके दो फेल छात्राओं को सेंटअप परीक्षा में पास करने का दबाव बनाया जा रहा है. जिसके लिए खुद मुझे और भौतिकी विषय के विभागाध्यक्ष प्रभात चंद्र को फोन किया गया.
प्राचार्या ने कहा कि कुलपति के पीए व रजिस्ट्रार ने फोन करके कहा कि इन दोनों छात्राओं को पास कर दीजिए. अन्यथा छात्र नेता हंगामा करने लगेंगे. अब इसमें एक बात उभरती है कि सिर्फ हंगामा के डर से एक जिम्मेदार कर्मचारी किसी प्राचार्या को फोन करके कहे कि दोनों छात्रा को पास कर दीजिए या कुछ और बात है.
वही प्राचार्या ने बताया कि दोनों लड़कियों को सेंटअप परीक्षा में तीन बार बैठने का मौका दिया गया. तीनों परीक्षाओं में एक जैसा प्रश्न पत्र मिला. फिर भी दोनों छात्राएं पास नहीं हुई. इसके बाद 5 शिक्षकों की कमिटी भी बनाई गई थी. उन्होंने कहा कि मैं कैसे शिक्षक प्रभात चंद्र को कहूं कि दोनों फेल छात्राओं को पास कर दीजिए. उन्होंने कहा कि मैं नेताओं और कर्मचारियों के दबाव में कॉलेज नहीं चला सकती हूं. उन्होंने बताया कि दोनों छात्राओं के समर्थन में 2 दिन पहले छात्र राजद के नेता कॉलेज में आकर हंगामा कर रहे थे. उन छात्र नेताओं ने दुर्व्यवहार किया व वह मुझे धमकी भी दी गई.
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