केरल में इस साल अभी तक जो बारिश हुई है वह 2013 की उत्तराखंड आपदा, 2016 की असम बाढ़ व 2017 की बिहार बाढ़ से दुगुनी और 2017 की गुजरात बाढ़ से तिगुनी है. केरल में एक जून से 15 अगस्त के बीच 2086 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है जो कि सामान्य से 30 प्रतिशत ज्यादा है. इस बारिश के बाद बाढ़ और भूस्खलन की वजह से 324 लोग मारे जा चुके हैं. यह आंकड़ा बढ़ने की आशंका है.
राज्य में पिछले सप्ताह सामान्य से साढ़े तीन गुना ज्यादा बरसात हुई जबकि 16 अगस्त को 10 गुना और शुक्रवार 17 अगस्त को औसत से पांच गुना ज्यादा बारिश हुई. इसके चलते राज्य में सब कुछ ठप हो गया. 2013 में उत्तराखंड में बादल फटने की वजह से भयानक बाढ़ आई और भूस्खलन हुआ. वहां पर पूरे मानसून में जुलाई से सितम्बर के बीच 1373 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी जिसकी वजह से 5700 लोग मारे गए थे.
पिछले साल 25 जुलाई को देश के कई राज्यों में बाढ़ आई थी और अकेले गुजरात में 222 लोग मारे गए थे. गुजरात में 646 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी. बिहार के 19 जिलों में 12 से 20 अगस्त 2017 के दौरान गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती, कमला, कोसी और महानंदा नदियों में पानी बढ़ने से 514 लोग मारे गए थे. साथ ही 1.71 करोड़ लोग इससे प्रभावित हुए थे.
केरल में यह एक सदी की सबसे भयंकर बाढ़ है. साथ ही अभी इससे राहत मिलती नहीं दिख रही क्योंकि मौसम विभाग ने भारी बारिश की चेतावनी जारी कर रखी है. पुणे स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मीटिओरॉलॉजी संस्थान की ओर जारी एक रिपोर्ट में कहा गया था कि भारत में 1950 से 2017 के दौरान 285 बार बाढ़ आई. इनके चलते साढ़े आठ करोड़ रुपये लोग प्रभावित हुए और 19 लाख बेघर हो गए. इन त्रासदियों में 71 हजार लोग मारे गए.
कोई टिप्पणी नहीं:
टिप्पणी पोस्ट करें