नव-बिहार न्यूज नेटवर्क (NNN), नवगछिया/भागलपुर (राकेश कुमार रोशन/ आर के भारती) : तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय अंतर्गत नारायणपुर स्थित जयप्रकाश महाविद्यालय में लगातार हो रही भारी अवैध वसूली को लेकर शनिवार को छात्र संघ के अध्यक्ष अनिल रविदास के नेतृत्व में छात्रों ने प्राचार्य डा.विभांशू मंडल का घेराव किया. मौके पर छात्रों ने आरोप लगाया कि महाविद्यालय के कर्मी द्वारा छात्रों से कभी नामांकन तो कभी फार्म भरने के एवज में तो कभी स्मारक के नाम पर तो कभी गमला के नाम पर अवैध वसूली किया जाता है.
जबकि महाविद्यालय की स्थिति ऐसी है कि छात्रा के कॉमन रुम में न तो पंखा है और न हीं शौचालय की सफाई होती है. जबकि छात्रों को दवाब देकर उनसे रुपये ठगे जाते हैं. वहीं छात्रों ने महाविद्यालय के छात्रों को खेल में ड्रेस देने, शुद्ध पेयजल और शौचालय एवं अर्धनिर्मित छात्रावास को पुरा करने की मांग लगातार की जा रही है.
मौके पर छात्रों से वार्ता कर जयप्रकाश महाविद्यालय के प्राचार्य डा.विभांशू मंडल ने शुद्ध पेयजल, सफाई एवं पंखा सोमवार तक में अतिशीघ्र लगाने की बात कही. जबकि शौचालय निर्माण, चहारदीवारी निर्माण व छात्रावास निर्माण में विश्वविद्यालय द्वारा टेंडर प्रक्रिया पुरी होने के बाद निर्माण शुरू करने की बात कही.
उन्होंने बताया कि इन सभी चीजों के लिए वो स्वयं प्रयासरत हैं. हालांकि इसी दरम्यान उन्होंने उपस्थित छात्रों को महाविद्यालय द्वारा जारी ड्रेस कोड में आने एवं 75 प्रतिशत एटेंडेंन्स पूरा करते हुए फार्म भरने की हिदायत दी. वहीं छात्र संघ के द्वारा जे पी कालेज कर्मी द्वारा अवैध वसूली का भंडाफोड़ करने के बाद प्राचार्य द्वारा एक्शन लेने के बाद अवैध वसूली रोका गया.
मौके पर अभाविप के प्रदेश सदस्य सुमित कुमार, पंकज कुमार, छात्र संघ उपाध्यक्ष आदित्य कुमार,संयुक्त सचिव मुकेश कुमार,विश्वविद्यालय कांउसलर हंसराज कुमार ने छात्रों द्वारा दो वर्ष से ली गई अवैध राशि को सार्वजनिक करने की मांग की.
प्राचार्य एवं छात्रसंघ के बीच दो घंटे के वार्ता के बाद वसूली पर रोक लगाया गया. महाविद्यालय के कर्मी के द्वारा परीक्षा से लेकर फॉर्म भरने के नाम पर वे स्मारक बनाने के नाम से लेकर गमला लगाने के नाम पर पैसे वसूले जाते थे.
जिसका कई बार छात्रों के द्वारा विरोध किया जाता था. विरोध करने पर कर्मचारी के द्वारा छात्रों को धमकी भरे लहजे में दवाब बनाया जाता था. साथ हीं छात्रों के अभिभावक के पास उसकी शिकायत लेकर मेल-मिलाप करने पहुंच जाते थे. जिससे भीतर हीं भीतर छात्रों के मन में कर्मचारी के प्रति आक्रोश था. वहीं कुछ छात्रों का कहना है कि अवैध वसूली की कई बार प्राचार्य के पास शिकायत की गई थी, लेकिन नतीजा फिसड्डी साबित हुआ था.
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