नव-बिहार न्यूज नेटवर्क (NNN), नईदिल्ली। देश के सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को कहा कि यदि कोई व्यक्ति वाहन चलाते समय स्वयं कोई दुर्घटना करता है और उसमें कोई दूसरा वाहन शामिल न हो तो परिजन मुआवजे का दावा नहीं कर सकते। जस्टिस आरवी रमण और एसए नजीर की पीठ अगरतला में हुए हादसे में मृतक के परिजनों को मुआवजे के मामले में त्रिपुरा हाईकोर्ट के फैसले पर बीमा कंपनी की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। पीठ ने कहा, उक्त मामले में यह सत्य है कि मृतक चालक वाहन का मालिक था और दुर्घटना लापरवाही और तेज गति से वाहन चलाने से हुई है। कानून की नजर में वह थर्ड पार्टी नहीं है।
कोर्ट ने कहा, दावेदार अपनी गलती के कारण दुर्घटनाग्रस्त होने पर बीमा का दावा नहीं कर सकते। पीठ ने त्रिपुरा हाईकोर्ट द्वारा दिए फैसले को निरस्त करते हुए बीमा कंपनी की अपील स्वीकार कर ली। कोर्ट ने कहा,व्यक्तिगत दुर्घटना के लिए बीमा कंपनी ने दो लाख रुपये देने का अनुबंध किया था, इसलिए मृतक के वारिसों को सिर्फ ये दो लाख रुपये ही मिलेंगे। जबकि मृतक के परिजनों ने 68 लाख रुपये मुआवजे की मांग की थी।
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