पिछले कुछ दिनों से गंगा और कोसी नदी कुछ जिलों में उफान पर हैं। इसमें खगड़िया, मधेपुरा, कटिहार और मुंगेर तथा भागलपुर जिला शामिल है। इन जिलों के निचले इलाकों में बसे गांवों में बाढ़ का पानी फैल गया है। खगड़िया में गंगा व गंडक नदी उफना गई है।
मंगलवार को गंगा नदी का पानी खगड़िया सदर प्रखंड के रहीमपुर मध्य, रहीमपुर दक्षिणी और रहीमपुर उत्तरी पंचायत के कई घरों में बाढ़ का पानी घुस गया है। वहीं गोगरी प्रखंड होकर बहने वाली बूढ़ी गंडक व गंगा के जलस्तर में वृद्धि होने से बन्नी, झिकटिया, बोरना, गोगरी, रामपुर एवं ईटहरी पंचायत के दर्जनों गांव को बाढ़ का पानी घेर लिया है। गोगरी में जीएन बांध में भी बाढ़ का पानी सटकर धीरे-धीरे अपने लेवल को बढ़ा रही है।
मधेपुरा में कोसी नदी में उफान के कारण आलमनगर और चौसा प्रखंड के निचले इलाके बाढ़ की चपेट में आ गये हैं। मंगलवार को दिनभर पानी स्थिर रहने के बाद शाम को जलस्तर में थोड़ी गिरावट आयी। इसके बावजूद निचले इलाके में बसे करीब दो दर्जन गांव बाढ़ से प्रभावित हैं।
कटिहार में सभी नदियों का जलस्तर में वृद्धि जारी है। महानंदा नदी के जलस्तर में 25 से 30 सेंमी मीटर की वृद्धि दर्ज की गई है। वहीं गंगा नदी के जलस्तर में धीमी गति से वृद्धि जारी है। इस नदी का जलस्तर खतरे के निशान से काफी ऊपर है। इससे नदी का पानी कुरसेला, बरारी, मनिहारी, अमदाबाद प्रखंड के निचले इलाके में बसे कई गांवों में फैल गया है।
मुंगेर के मुंगेर सदर, बरियारपुर, धरहरा तथा जमालपुर प्रखंड की कई पंचायतें गंगा नदी की बाढ़ की चपेट में आ गई है। मंगलवार को गंगा का जल स्तर 38.38 सेंटीमीटर के करीब पहुंच गया है। जिले में डेंजर लाइन 39.33 सेंटीमीटर निर्धारित है। इसके अलवा धरहरा एवं जमालपुर की कई पंचायतों में गंगा का पानी फैल रहा है। लोगों को अपने मवेशियों को हरा चारा उपलब्ध कराना मुश्किल हो गया है। कई क्षेत्रों का मुख्य सड़क से संपर्क भंग हो गया है।
इधर भागलपुर जिले के इस्माइलपुर प्रखंड में गंगा और खरीक प्रखंड में कोसी का जलस्तर बढ़ रहा है। जिससे निचले इलाकों में काफी दूर तक पानी फैल गया है।आवागमन में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। कई इलाकों का सम्पर्क टूट सा गया है।
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