नव-बिहार समाचार, नवगछिया (भागलपुर)। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को अक्षय नवमी कहा जाता है। इस दिन किया गया कोई भी आध्यात्मिक कार्य हमेशा अक्षय रहता है। इस दिन आंवला वृक्ष के नीचे विशेष पूजन और व्रत का विधान है। इसलिए इसे आंवला नवमी भी कहा जाता है। इसे मातृ नवमी और धातृ नवमी भी इसलिए कहा जाता है कि जिस प्रकार माता के दूध में पौष्टिक तत्व होते हैं उसी प्रकार से आंवला में भी पौष्टिक तत्व मौजूद होते हैं। इस दिन आंवला वृक्ष के नीचे सभी देवी और देवता भी उपस्थित रहते हैं तथा वहां सभी की मनोकामना भी पूर्ण होती है।
उपरोक्त बातें श्रीशिवशक्ति योगपीठ के पीठाधीश्वर परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज ने शनिवार को आंवला नवमी के मौके पर श्रीशिवशक्ति योगपीठ के आश्रम में कही। जहां इस मौके पर एक दिन पहले से ही मंगल आरती, वेद पाठ, दुर्गा सप्तशती पाठ, हनुमान चालीसा पाठ, रामायण पाठ इत्यादि का कार्यक्रम चल रहा है।
अक्षय नवमी के मौके पर शनिवार को श्रीशिवशक्ति योगपीठ नवगछिया आश्रम में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज से गुरु दीक्षा भी ग्रहण की। अक्षय नवमी के इस मौके पर जहां श्रीगणेश वंदना के साथ भजन संध्या का कार्यक्रम भी आयोजित हुआ। इस दौरान राजाराम जी, गुलशन कुमार, माधवानंद जी के अलावा आकाशवाणी के गायक बलवीर सिंह बग्घा ने भी अपनी प्रस्तुति दी। वहीं व्यास पीठ से आचार्य पंकज जी, चंद्रकांत जी, पंकज शास्त्री, प्रेमशंकर भारती, मानवानंद जी और दीपक मिश्रा तथा पंडित शंकर मिश्र नाहर के बाद परमहंस स्वामी आगमानंद जी महाराज ने श्रद्धालुओं को आशीर्वचन दिया।
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