वहीं महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और शिवसेना ने गुरुवार को मोदी सरकार पर गणतंत्र दिवस परेड के लिए महाराष्ट्र की झांकी की अनुमति नहीं देने के लिए निशाना साधा जहां राकांपा ने इसे राज्य की जनता का अपमान बताया. राकांपा सांसद सुप्रिया सुले ने दावा किया कि केंद्र ने गणतंत्र दिवस परेड के लिए गैर-भाजपा शासित महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल की झांकियों को अनुमति नहीं दी है. उन्होंने केंद्र सरकार पर पूर्वाग्रह से ग्रस्त होने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों ने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और उनकी झांकियों को अनुमति नहीं देना लोगों का ‘अपमान’ जैसा है.
ये है झांकी तय करने की प्रक्रिया
26 जनवरी की परेड में झांकी शामिल करने की एक तय प्रक्रिया है. जिसके अनुसार रक्षा मंत्रालय देश के सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय मंत्रालयों या विभागों से प्रस्ताव आमंत्रित करता है. इनके प्रस्ताव मिलने के बाद एक कमेटी इनकी स्क्रीनिंग करती है. इस कमेटी में कला, संस्कृति, पेंटिंग, संगीत जैसे क्षेत्रों से जुड़े लोग होते हैं.
सूत्रों के अनुसार, गणतंत्र दिवस 2020 के लिए कुल राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और मंत्रालयों के कुल 56 प्रस्ताव मिले थे. इनमें 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के थे, वहीं 24 मंत्रालयों और विभागों से थे. पांच मीटिंग के बाद 56 में से कमेटी ने 22 प्रस्तावों को अपनी मंजूरी दी.
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