भागलपुर। मुख्यमंत्री के भागलपुर आगमन से पहले जिला प्रशासन ने लापरवाह अफसरों पर बड़ी कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी गई है। म्यूटेशन में पूरे बिहार में बदतर स्थिति सुधारने के लिए सभी सीओ को 31 दिसंबर तक अंतिम चेतावनी देते हुए सुधार के निर्देश दिए गए थे। लेकिन भागलपुर जिला में पांच सीओ ने अपने कामकाज में परिवर्तन नहीं किया। अब वैसे सीओ के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है। पेंडिंग म्यूटेशन केस नहीं निपटाने वाले 5 सीओ को सस्पेंड करते हुए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए सरकार को अनुशंसा होगी। शाहकुंड, सुल्तानगंज, पीरपैंती, गोराडीह और गोपालपुर का परफॉर्मेंस काफी बदतर है। इन्हें सस्पेंड करने की तैयारी चल रही है।
इसके साथ ही करीब छह राजस्व कर्मचारी भी सस्पेंड होंगे। गोराडीह, सुल्तानगंज, गोपालपुर, सबौर, नवगछिया के कर्मचारियों द्वारा शिथिलता बरतने की जानकारी मिली है। वैसे, डिस्पोजल मामले में जगदीशपुर व कहलगांव अंचल काफी पीछे है। यहां म्यूटेशन के काफी मामले लंबित हैं। इन अंचलों के सीओ का तर्क है कि सर्वर स्लो होने से ऐसा हुआ है। जबकि एडीएम राजेश झा राजा ने बताया कि पहले एक सर्वर था। अब नौ सर्वर हो गया है। उन्होंने सभी सीओ और डीसीएलआर को म्यूटेशन केस प्राथमिकता पर डिस्पोजल करने को कहा है। करीब 69 हजार में 35 हजार आवेदनों का डिस्पोजल हो गया है।
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