नव-बिहार समाचार, इंटरनेट डेस्क। एक ओर जहां कोरोना के बढ़ते प्रसार से बचाव को लेकर देश भर में केंद्र सरकार और सभी राज्य सरकारें एहतियात के तौर पर कई कदम उठा रही है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा कोरोना को लेकर रविवार के दिन सुबह 7 बजे से रात के 9 बजे तक जनता कर्फ्यू का एलान किया गया है. वहीं इसके प्रभाव में आने के ठीक कुछ घंटे पहले असम से कोरोना से जुड़ी एक ऐसी खबर सामने आई है जिसनें बिहार को भी शंका के घेरे में डाल दिया है. दरअसल असम में कोरोना का पहला कोरोना पॉजिटिव मामला सामने आया है जो कि दो दिन पहले बिहार से ट्रेन का सफ़र कर असम पहुंची है. संक्रमण का शिकार एक बच्ची है जो कि साढ़े चार साल की है.
शनिवार को असम के जोरहाट मेडिकल कॉलेज और अस्पताल JMCH के लैब में बच्ची का परिक्षण किया गया. जिसमें बच्ची को कोरोनो वायरस से संक्रमित होने की रिपोर्ट सामने आई है. नार्थ ईस्ट में कोरोना पॉजिटिव का यह मामला है. रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद असम का स्वास्थ्य महकमा हाईअलर्ट पर आ गया है.

कोरोना संक्रमित बच्ची का उम्र चार साल पांच महीना है. बच्ची अपनी मां और बड़ी बहन के साथ बिहार से 19 मार्च को ट्रेन से असम आई थी. असम के जोरहाट स्थित पुलिबोर नाम के स्थान पर बच्ची का परिवार रहता है. 20 मार्च को असम के स्वास्थ्य विभाग की टीम क्षेत्र में थी. इस दौरान आशा, एएनएम और स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों ने बच्ची के घर का दौरा किया तो शुरूआती जांच में बच्ची में कोरोना से मिलते-जुलते लक्षण मिलें. जिसके बाद जेएमसीएच आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया. जहां जांच के बाद असम मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के प्रो. हिरण्य कुमार गोस्वामी ने इसकी पुष्टि की है. साथ ही अधिकारी ने यह भी कहा है कि नमूना आरएमआरसी में पुनः जांच के लिए डिब्रूगढ़ के लाहोवाल में क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान को भेजा गया है. जिसकी दूसरी जांच रिपोर्ट रविवार दोपहर तक आएगी.

वहीं जोरहाट की उपायुक्त रोशनी कोराती ने भी मामले की पुष्टि की है. साथ ही उपायुक्त रोशनी कोराती ने बताया कि जिन डॉक्टरों, आशा, एएनएम स्वास्थ्य विभाग से जुड़े लोग बच्ची के संपर्क में थे साथ ही बच्ची के परिवार को भी जेएमसीएच आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है. वहीं असम राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा शर्मा ने गुवाहाटी में मीडिया के माध्यम से जनता से अपील की है कि जोरहाट के उस क्षेत्र में अधिक सतर्कता बरतें जहां बच्ची रह रही थी. साथ ही उस इलाके में स्वास्थ्य विभाग की टीम मुस्तैदी से काम करें ताकि संभावित संक्रमण को रोका जा सके.
असम से आई इस खबर के बाद बिहार के कई बड़े पत्रकारों ने सरकार की तरफ शंका भरी निगाहों से उंगली उठायी है. बता दें कि बीते दो दिनों से बिहार के ग्रामीण देहात इलाकों के अस्पतालों में फर्स्ट ऐड तक के सामान नहीं होने की खबरें सोशल मीडिया में दौड़ रही है. कई जिलों से ऐसी भी खबरें आ रही है कि विदेशों से आने वाले नागरिकों को डॉक्टर मौखिक इलाज कर कोरोना मुक्त घोषित कर रहे हैं ऐसे में असम से आई यह खबर स्वाभाविक रूप से बिहार के लिए चिंता से कम नहीं है.
कोई टिप्पणी नहीं:
टिप्पणी पोस्ट करें