नवगछिया। वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से जारी लॉकडाउन के दौरान नगर पंचायत नवगछिया क्षेत्र में अनुमंडल प्रशासन द्वारा जारी कर्फ्यू जैसे निर्देश के दौरान समाचार संकलन और प्रेषण हेतु अनुमंडल पदाधिकारी से पास लेकर घर जा रहे एक पत्रकार की रास्ते में एक पुलिस कर्मी द्वारा की गई पिटाई की सर्वत्र निंदा हो रही है।
घटना का मौके से ही पत्रकार की पिटाई का वीडियो वायरल होते ही सभी सामाजिक संगठनों और आम लोगों ने नवगछिया पुलिस और प्रशासन दोनों की निंदा का मैसेज सोशल मीडिया पर शेयर करना शुरू कर दिया।
इधर घटना की जानकारी विभिन्न पत्रकार संघ और प्रेस क्लब के साथ साथ बिहार के पुलिस महानिदेशक तक को दे दी गई। इसी बीच नवगछिया एसपी स्तर से जानकारी मिली कि आरोपी पुलिस कर्मी को निलंबित कर दिया गया है।
बावजूद लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर जब एक पत्रकार के साथ इस संकट की घड़ी में नवगछिया पुलिस ऐसा वर्ताव करेगी तो आम आदमी का क्या होगा, जबकि उसके पास तो समाचार संकलन करने सड़क पर निकलने का सरकारी पास भी था। मतलब नवगछिया पुलिस के लिए सरकारी पास भी कुछ नहीं है। वह जो चाहेगी वही करेगी। ऐसी स्थिति में जहां दो दिन से मासूम नन्हे बच्चों के लिए दूध और आम लोग शुद्ध पानी के लिए तरस गए। रोगी दवा के लिए तरस गए तो आगे किसी की क्या हिमाकत कि कुछ भी जुगाड़ कर पाए। जबकि इन दो दिन में इसकी प्रशासनिक व्यवस्था सिर्फ कागज पर ही साबित हुई। व्यवस्था कहीं भी धरातल पर नजर नहीं आयी। वहीं ड्यूटी पर लगाये गए पुलिस कर्मी कई जगहों पर मूक दर्शक नजर आए, जहां सोशल डिस्टेंसिंग का धड़ल्ले से धज्जियां उड़ रही थी। स्थानीय लोगों, संगठनों एवं विभिन्न दलों के लोगों ने इस संकट के समय पुलिस जिला नवगछिया में अनुभवी भारतीय प्रशासनिक पदाधिकारी की सेवा की मांग भी की है।
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