कोलकाता। पश्चिम बंगाल के कोलकाता समेत उत्तर और दक्षिण 24 परगना में अम्फन चक्रवात की वजह से बदहाल हुए क्षेत्रों की स्थिति सामान्य करने के लिए लगातार दूसरे दिन सोमवार को भी केंद्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) का राहत और बचाव अभियान जारी रखा। सोमवार सुबह से ही एनडीआरएफ की टीम राजधानी कोलकाता के रासबिहारी एवेन्यू तथा उत्तर 24 परगना के स्वरूप नगर, तेलिया, हकीमपुर बॉर्डर रोड के आसपास सड़कों पर गिरे पेड़ों को हटाने, बिजली के खंभों को सीधा करने और तार आदि को जोड़ने में जुट गई थी।
कोलकाता के आशुतोष मुखर्जी रोड और कई अन्य क्षेत्रों में एनडीआरएफ की टीम ने इसी तरह से राहत और बचाव अभियान शुरू किया है। दरअसल 20 मई को पश्चिम बंगाल के 7 जिलों में अम्फन तूफान ने तबाही मचाई थी। इसमें 86 लोगों की मौत हो गई है। 185 किलोमीटर से अधिक गति से चले तूफान के साथ ही इतनी अधिक बारिश हुई थी कि राजधानी कोलकाता के अलावा हावड़ा, हुगली, उत्तर और दक्षिण 24 परगना, नदिया तथा पूर्व मेदिनीपुर के विस्तृत इलाके में अभी भी जलजमाव हैं। लाखों पेड़ उखड़ गए थे और लाखों मकान क्षतिग्रस्त हुए ह है। करीब छह करोड़ लोग प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष तौर पर प्रभावित हुए हैं। 6 दिन बीत जाने के बाद भी हालात सामान्य नहीं है। अधिकतर क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति कटी हुई है और बिजली नहीं होने की वजह से पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही। इस वजह से लोग बेहद परेशान हैं। इसके साथ ही कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। दबाव में आई पश्चिम बंगाल सरकार ने शनिवार को भारतीय सेना से हालात सामान्य करने में मदद मांगी थी। उसके बाद एनडीआरएफ की 10 और टीमों को बंगाल में तैनात किया गया था। फिलहाल एनडीआरएफ की 38 टीमें राज्य के विभिन्न हिस्सों में काम कर रही है।
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