- पुत्र ने अकेले किया पिता के शव का दाह संस्कार
- मृत्यु के समय समाज ने माना था कोरोना संदिग्ध
नवगछिया बड़ी मकन्दपुर के स्थायी निवासी स्वर्गीय सरयुग भगत की मृत्यु के बाद उनकी कोरोना जांच रिपोर्ट निगेटिव आ गयी. जिसकी जानकारी रविवार को नवगछिया अनुमंडलीय अस्पताल ने दी है. 15 जुलाई को उनकी सैम्पलिंग की गयी थी. रिपोर्ट आने से पहले ही 18 जुलाई को उनकी मौत हो चुकी थी. रिपोर्ट के निगेटिव आने पर परिजनों और समाज के लोगों ने राहत की सांस ली है.
शनिवार को सरयुग भगत की मौत के बाद कोरोना होने के संदेह में कोई भी शव में सटने को तैयार नहीं था. सुबह से शाम तक शव यूं ही घर पर पड़ा रहा. देर शाम समाजसेवी विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष प्रवीण भगत द्वारा उपलब्ध कराए एक वाहन से अकेले मृतक के पुत्र संजीव कुमार ने शव को बरारी शवदाहगृह ले जाकर दाह संस्कार किया था. संजीव ने कहा कि अगर रिपोर्ट जल्दी आ जाती तो उनके साथ ऐसा बर्ताव नहीं किया जाता और सामान्य लोगों की तरह ही उनके पिता का दाह संस्कार होता. लेकिन उसे जीवन में यह दिन भी देखना पड़ेगा, उन्होंने सोचा न था.जिंदगी भर मुझे शनिवार के दिन का मलाल रहेगा.
आजाद हिंद मोर्चा के राजेन्द्र यादव ने कहा कि समाज की स्थापना ही इसी तरह की विपत्तियों का सामना करने के लिए हुई है. लेकिन इस तरह की स्थिति को देखते हुए बुद्धिजीवियों को एक साथ मिल बैठकर गहन चिंतन करने की जरूरत है. वहीं समाजसेवी प्रवीण भगत ने कहा कि समाज की यह स्थिति चिंताजनक है, इसका समाधान जरूरी है. जिससे इस तरह की विषम परिस्थिति का सामना किया जा सके.
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